सहजच.....
Friday, February 25, 2011
सहजच.....
तु फितुर,तुझे शब्द फितुर,
मी आतुर,माझी प्रित आतुर,
मनीची तार झणकारताना,
मंद स्वरांनी सजते संतुर.......
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